Sunday, October 6, 2019

CHAND/MOON SHAYARI || चाँद शायरी





ईद  के चाँद को जब  देखा होगा आपने ,
तो ईद आपकी हुई होगी या उस चाँद की  !
                 .... विशाल कश्यप राजपूत 
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तस्वीर बना कर तेरी आस्मां पे टांग आया ,
और लोग बोलते हैं आज चाँद  निकल आया  !
                   .... विशाल कश्यप राजपूत 
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ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए
मुझे बस तेरी  एक झलक चाहिए
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उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा 
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर  मुझे आधा लगा 
                     .......इफ़्तिख़ार नसीम
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कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए 
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए 
                                     ........बशीर बद्र
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आज भीगी है पलके तुम्हारी याद में
आकाश भी सिमट गया अपने आप में
ओस की बूँद ऐसे गिरी ज़मीन पर
मानो चाँद भी रोया हो तेरी याद मे !
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है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की
हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की !
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बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर 
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर !
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एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की
चेहरा आपका  है चाँद  के जैसा ,
और जिद  है हमारी चाँद को पाने की
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कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा 
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा !
                                            ....इब्न-ए-इंशा
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ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो,
मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने मे
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