अंजाम की परवाह होती तो,
हम मोहब्बत करना छोड़ देते,
मोहब्बत में तो जिद्द होती है,
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम!!
चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये!!
ज़िंदगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िंदगी देकर!!
हम मोहब्बत करना छोड़ देते,
मोहब्बत में तो जिद्द होती है,
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम!!
शायरीयो का बादशाह हूँ और कलम मेरी रानी है,
अल्फाज़ मेरे गुलाम है, बाकी रब की महेरबानी है!!
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये!!
बेवकूफ़ होते है वो लोग,
जो किताब मे चेहरे डाल के पढ़ा करते है,
हम तो उनमे से है जो चेहरे को देख के,
किताब लिख दिया करते है!!
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िंदगी देकर!!
भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं हैं मेरा,
बल्कि भीड़ जिसके लिए खडी है वो बनना है मुझे!!
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