तेरा जुनूं चढ़ा दे इन आँखों में , तेरा नशा चढ़ा दे इन बातों पे
तू बना के जोगन अपनी मुझे , मेरी नींद उदा दे रातों में ||
मैंने कर लिया है श्रृंगार सभी , अब कमरबंद ख़ुद बांध दे तू
आ जाए जो लाली गलों पर , कुछ इस तरह मुझे छू ले तू ||
हो हाथ तेरा और कमर मेरी ,और सांसे उलझी हो तेरी सासों में
हो जाऊं बेख़बर इस दुनिया से , तू डूबा दे यूं अहसासों में ||
तू बना के जोगन अपनी मुझे , मेरी नींद उदा दे रातों में ||
ये लट पड़ी मेरे गलों पर , जो तूने एक दिन निकाली थी
तू करीब आकर इसे संवार दे , ख़्वाहिश है इस मतवाली की ||
आ जाए जो लाली गलों पर , कुछ इस तरह मुझे छू ले तू ||
हो हाथों में हाथ तेरा , एक क़िस्सा ऐसा उलझा दे तू
तूने लिखना कहां से क्या शुरू किया , इस बात को भी सुलझा ना सकूं ||
हो जाऊं बेख़बर इस दुनिया से , तू डूबा दे यूं अहसासों में ||
तेरा जुनू चढ़ा दे इन आँखों में , तेरा नशा चढ़ा दे इन बातों पे
तू बना के जोगन अपनी मुझे , मेरी नींद उदा दे रातों में ||
...... वंशिका सेन
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